एनसीआर की तर्ज पर बनेगा ग्रेटर अलीगढ़, खैर रोड पर सात गांव की जमीन से बनेगी इंटीग्रेटेड टाउनशिप

Aligarh Development Authority: ADA को वित्तीय वर्ष के समाप्त होते ही मिली 200 करोड़ रुपए की धनराशि,  लैंड पुलिंग नीति से बनायी जायेंगी ख़ैर में यह कॉलोनी, भूमि अधिग्रहण में किसानों को 4 गुना मुआवज़ा दिया जाएगा 

Aligarh Newsअलीगढ़ विकास प्राधिकरण (ADA) को वित्तीय वर्ष के ख़त्म होते ही 200 करोड़ रुपए की बड़ी धनराशि ख़ैर में आवासीय कॉलोनी बनाने के लिए मुहिया करा दी गई है। इस प्रोजेक्ट में बनाने में लगभग 700 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया था। जिसमें 100 करोड़ रुपए की धनराशि शासन से पहले ही ली जा चुकी थी। बस इसका डीपीआर बनने का इंतज़ार किया जा रहा था जोकि अब बन चुका है।

greater aligarh khair road township

अलीगढ़ में विकास तो इस समय गगन चूमता हुआ सा मालूम हो रहा है। अलीगढ़ एयरपोर्ट, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, डिफ़ेंस कॉरिडोर, राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी जैसे बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम चल रहा है। लगता है एनसीआर का अलीगढ़ तक कनेक्ट होना ज़्यादा दूर नहीं। ऐसे में बाहर से भी लोग ग्रेटर अलीगढ़ में शिफ्ट होना शुरू होंगे, नये-नये निवेश होंगे, लोगों को नौकरियाँ मिलेंगी, तो उनके रुकने का इंतज़ाम भी ADA तेज़ी से करने की कोशिश में लगा हुआ है।

ख़ैर में कहा बनाई जाएगी आवासीय कॉलोनी, कितने गाँव से ली जाएगी ज़मीन  

खैर और जट्टारी के मध्य स्थित सुजानपुर गाँव में इस कॉलोनी को बनाया जाएगा। जिसके लिए 325 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा।अब तक 100 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण एडीए कर चुका है। सुजानपुर समेत पांच गांव  जतनपुर, जिरौली डोर, रुस्तमपुर अखन, अटलपुर, ल्हौसरा आदि से एडीए भूमि अधिग्रहण करेगा। बताया जा रहा है कि किसानों को उनकी भूमि का 4 गुना मुआवज़ा दिया जाएगा जिसमें कुल 700 करोड़ रुपए का खर्च भूमि अधिग्रहण में ही लगेगा। बाकि 90 से 100 करोड़ रुपए की लागत कालोनी को विकसित करने में लगायी जाएगी।

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इस कॉलोनी में आवासीय, औद्योगिक प्लॉट के साथ-साथ पार्क के लिए भी हिस्सा निकाला जाएगा

इस योजना के तहत ईडब्ल्यूएस व व्यावसायिक प्लॉट भी निकाले जायेंगे। जिसे अलीगढ़ के साथ-साथ और पास की जगहों से निवेश के लिए ख़रीदा जा सकेगा। इन आवासीय कॉलोनी का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा पार्क व हरियाली के लिए रखा जाएगा। जिससे एक शुद्ध वातावरण वहाँ रहने वाले लोगों को मिल सके।

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लैंड पुल्लिंग प्रोसेस से इस प्रोजेक्ट को बनाया जाएगा

लैंड पुल्लिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भू स्वामी अपनी स्वेच्छा से ज़मीन सरकार को हस्तांतरित करता है सरकार उस पर निर्माण कार्य करती है उसके बाद उस ज़मीन का कुछ हिस्सा, भूमि मानदंडों के आधार पर भू स्वामी को वापस कर दिया जाता है। जिसे वह चाहे तो अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए रख सकता है या फिर उसको बेच सकता है। अधिकारियों द्वारा यह स्पष्ठ किया गया है कि यह आवासीय कॉलोनी इसी लैंड पुल्लिंग नीति के द्वारा बनायी जायेंगी और बाद में ज़मीन का 25 प्रतिशत हिस्सा भू स्वामी को वापस कर दिया जाएगा।

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