बाबे सैयद गेट – वर्ल्ड फेमस बना AMU की पहचान, जो जाता है फोटो क्लिक कराता है

अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहचान बना बाबे सैयद गेट‘, क्यों हैं यह गेट इतना खास और क्या है इस गेट का इतिहास जानिये  

Aligarh Muslim University : विश्वभर में लोकप्रिय उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, भारत में स्थापित विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। जोकि न केवल अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों व अपने खूबसूरत परिसर के लिए भी जाना जाता है। यह यूनिवर्सिटी 1920 में सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित की गयी थी। यह एक मुस्लिम एंग्लो ओरिएण्टल कॉलेज था जोकि बाद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बना, इस यूनिवर्सिटी को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तर्ज पर ब्रिटिश शासनकाल में बनवाया गया था।  

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुख्य प्रवेश द्वार ; बाबे सैयद गेट  

महान मुस्लिम सुधारक सर सैयद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को सन 1920 में स्थापित किया गया था, यह यूनिवर्सिटी भारत का एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जो न केवल अपनी शैक्षणिक योग्यता बल्कि अपने खूबसूरत परिसर के लिए भी विख्यात है, इस विवि की शोभा को ओर भी ज्यादा निखारता है इसका मुख्य प्रवेश द्वार , बाबे सैयद गेट । सन 1995 में सर महमूद उर रहमान ने इसका निर्माण कार्य शुरू कराया जोकि लगभग 5 सालों में बनकर तैयार हुआ।  

वास्तुशिल्प की अहम भूमिका बाबे सैयद गेट निर्माण में  

लाल बलुआ पत्थर से निर्मित, बाबे सैयद गेट इंडो-इस्लामिक स्थापत्य कला का एक बेहतरीन उदाहरण है। तीन मेहराबों वाला यह गेट विश्वविद्यालय के प्रगतिशील और समावेशी चरित्र का प्रतीक है। केंद्रीय मेहराब सबसे बड़ा है और इस पर “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय” अंकित है। वहीं, दो छोटे मेहराबों पर कुरान की आयतें खुदी हुई हैं। गेट के चारों ओर कलात्मक नक्काशी और डिजाइन इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। 

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का प्रतीक है यह बाबे सैयद गेट  

इस विषय पर चर्चा करते हुए AMU के हिस्ट्री प्रोफेसर एम के पुंडीर ने बताया की , इस गेट के निर्माण से पहले अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहचान कैनेडी हाल, विक्टोरिया गेट स्ट्रैची हाल, मौलाना आजाद लाइब्रेरी बनी हुई थी। सन 1995 में  मेहमूद उर रहमान साहब ने इस गेट का निर्माण कराया जोकि सन 2000 यानि 5 सालों में जाकर पूरी तरह से तैयार हो गया। इस गेट को बाबे सैयद नाम दिया गया जिसका पर्शियन मतलब सैयद का दरवाजा होता है। यह गेट इतना शानदार था की कम समय में ही विवि की खास पहचान बन गया यह गेट अपनी अद्भुद वास्तुकला के लिए बहुत फेमस है, और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का मुख्य प्रवेश द्वार बन गया है। यह गेट इतना सुन्दर और भव्य लगता है की पहली दफा आने वाला व्यक्ति इस गेट पर एक तस्वीर तो जरूर ही खिचवाता है।  

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